यहाँ आने के लिए पक्की सड़क होने के कारन दूरदराज से बस, कर, ऑटोरिक्शा अदि से लोग आगमन-प्रस्थान करते है |
संतो की कर्मभूमि बने इस गाव में श्री शनिदेव अधिपति तथा मालिक, स्वामी सबकुछ है | कहते है की यहाँ जैसे कर्म करोगे वैसे फल मिलता है फ़ौरन ! प्रस्तुत विश्वविख्यात गाव में किवाड़, जंजीर, सांकल,कुण्डी, कोंढ़ा,सिटकनी,अलमारी, बक्सा, सूटकेस, ताला अदि का कोई भी प्रयोग नहीं करता है | क्योंकि यहाँ ऐसा मन जाता है की श्री शनि भगवान् का ही आदेश है ‘ताला मत लगाइए’| और ग्राम जन भी मानते है की अपने घर तथा गाव की रक्षा करना शनिदेव का अधिकार है | वे मानते है की शनिदेव खुद कहते है; “आप निश्चिंत मन से २४ घंटे घर या बहार रहिये; आपको कुछ नहीं होगा | आपकी रक्षा या आपके घर की; माल-असबाब की रक्षा में स्वयं करूँगा |”
श्री शनि भगवान् के आदेश से ही यहाँ, ताल, दरवाजा, खिड़की नहीं लगती | इसी कारन प्रस्तुत ग्राम का उल्लेख दुनियाभर में अलग रूप से किया जा रहा है | हाँलाकि दुनिया भर में चोरिया हो रही है; ताले पर ताले लगाये जा रहे है; चोर आराम से ताला खुलवा लेते है, अतः कोई खुश नहीं है | शनि शिंगणापुर में कई वर्षो से घर का दरवाजा नहीं, २४ घंटे खुला रहता है फिर भी आज तक कोई चोर यहाँ से चोरी करने में सफल नहीं हुआ है | यह साक्षात्कार पूरा गाव कई पीढियों से देख रहा है; भोग रहा है |
मै यहाँ कुछ एक लोगो से मिलने उनके माकन में गया, गलियों में गया, खेती बाग़ की बस्ती में गया, खेती बाग़ की बस्ती में गया, झुग्गी झोपडी गया और पाया की सरे लोग स्त्री -पुरुष, बच्चे-बूढ़े, जवान सारे हर्ष उल्हास से मिलजुल कर संसार कर रहे है | भारतीय त्यौहार तथा उत्सवो में सभी शरीक होते, हिस्सा लेते है | यहाँ जो कुछ भी होता है, सारा भगवान् शनिदेव का विश्वास, सहयोग तथा आशीर्वाद से सम्पन्न होता है | अगर यहाँ कभी किसी को क्षति पहुँचती या हानी , नुकसान, आपत्ति, बीमारी, प्राकृतिक विपत्ति जैसा जो कुछ भी हुआ उसे भी वे भगवान् का ही फल मानते है, सजा मानते है, जुरमाना समजते है | यहाँ अगर कोई पापकर्मी अवांछित कर्म करे तो शनिदेव उसे त्वरित दंडित करते है | अगर यहाँ से कोई चीज कोई व्यक्ति या कोई भक्त उठाकर ले गया या गलती से चली गयी मिसाल के रूप में – अंगवस्त्र,चादर, फोटो, थैली, अदि तो भगवान् उसे चमत्कार दिखलाता है, फिर उस गलत व्यक्ति को अपनी भूल का एहसास होता है, बाद में ऐसे लोग या भक्तगण यहाँ वह चीज खुद लौटने आते है या डाक से कोरियेर सेवा से उसे लौटा देते है | उसके बाद उन्हें हकीकत में आराम मिलता है | तो आपके मन में अब जिज्ञासा होगी की ऐसे साक्षात्कारी श्री शनि भगवान के गाव में आए कैसे ना ?