Home → विश्वविख्यात खासियत
- यहाँ अबतक कोई सरकारी कार्यालय नहीं हैं, क्योंकि सरकारी दफ्तर आया, तो दरवाजा आया, टला आया | किन्तु यहाँ यूको बैंक की शाखा है |
- हररोज यहाँ कम से कम एक लाख का कारोबार सम्पन्न होता है |
- गांव के सारे आबालवृद्ध शनिचर को उपवास-व्रत रखते है, और घर का कोई भी शुभ कम इसी दिन प्रारंभ करते है |
- दक्षिण भारत, उत्तर भारत, विदेश के सारे शनि भक्त यहाँ नतमस्तक होते है |
- आचार्य उदासी बाबा के काल में शनि भगवान के दर्शन के लिए केवल तिन लोग-१.दगडू चंगेडीया २. हस्तीमल चंगेडीया ३. बद्री टोक्से की माँ; वे भी केवल शनिचर को आते थे अब रोजाना करीब १३००० लोग आते है |
- श्री शनिदेव को तेल समर्पित करने के लिए अनगिनत आते है, कभी १०१ डिब्बे, तो कभी एक क्विंटल, तो एखादबार एक तेल टैंकर!
- शनि अमावस, शनि जयंती को मेले में करीब १० लाख लोग आते हैं |
- यहाँ जेब कतरे, चोर, डाकू, लुटेरे, उच्चके, शराबी, मांसाहारी जैसे दो नंबर के लोग कटाई नहीं आते है| आ भी गये तो वे सज्जन जैसा ही व्यवहार करते है | अनुभव बताया है नाशिक रोड, जेल रोड के निवासी श्री मोहरसिंग मोह्बिया ने |
- यहाँ के लोगों के केवल घर का दरवाजा खुला नहीं है; बल्कि मन का दरवाजा खुला है |